अमृतसर(सोनू शर्मा)
2014 में बहुमत से देश में सरकार बनाने वाली बीजेपी एक बार फिर अपनी सरकार बनाने में जुटी है. वहीं कांग्रेस द्वारा भी जी जान से बीजेपी को हराने की कोशिश की जा रही है. इसी बीच पंजाब की अमृतसर सीट की बात करें तो आपको बता दे, 2014 में बीजेपी के अरुण जेटली को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
दरअसल, बीजेपी द्वारा इस सीट से 3 बार के सांसद रहे नवजोत सिंह सिद्धु की जगह अरुण जेटली को टिकट दिया गया था. हालांकि, अमृतसर की जनता का साथ अरुण जेटली को नहीं मिल पाया था. अमृतसर लोकसभा सीट हमेशा ही अपने बड़े उलटफेर के लिए जानी जाती रही है.
आपको बता दें कि अमृतसर लोकसभा क्षेत्र एक तरह से 2 दशक तक बीजेपी का गढ़ रही लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. कांग्रेस के दिग्गज नेता अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली को इस सीट पर 1 लाख से अधिक मतों से हराया था. इस सीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को 48 फीसद वोट प्राप्त हुए जबकि जेटली को 37.74 फीसद वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के दलजीत सिंह रहे थे.
हालांकि, 2017 में अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. जिसके चलते अमृतसर सीट पर उपचुनाव हुआ और एक बार फिर से कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की. कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला ने इस सीट पर बीजेपी के राजिंदर मोहन सिंह को 1 लाख 99 हजार वोटों से हराया था.
इस वजह से यह कहना गलत नहीं होगा कि अमृतसर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. हालांकि, 2009 तक इस सीट बीजेपी का वर्चस्व रहा है. बीजेपी ने लगातार 2004, 2007 के उपचुनाव और 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. उस वक्त नवजोत सिंह सिद्धु बीजेपी की ओर से सांसद थे लेकिन अब खुद सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.