जालंधर/ हलचल नेटवर्क
मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले में सामने आया है। पोस्टमार्टम हाउस में अगर किसी मृतक के पास जेवर निकल आता तो उसे निकालकर नकली पहना दिया जाता था। गमगीन पर‍िजन ध्यान भी नहीं देते थे, लेकिन एक महिला सिपाही की बहन की मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस में होने वाला यह कुत्सित खेल उजागर हो गया।
मह‍िला स‍िपाही की बहन का हुआ था पोस्‍टमार्टम
पुलिस लाइन में तैनात महिला सिपाही निक्की ने 17 जून को सीएमओ से शिकायत की थी कि नौ अप्रैल को उसकी बड़ी बहन की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के दौरान बहन के शव से कान की बाली और नाक से नथनी गायब हो गई थी। सीएमओ ने कमेटी गठित कर जांच कराई थी। कमेटी ने आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से तैनात वार्ड ब्वॉय रूपेश पटेल और चतुर्थ श्रेणी कर्मी वाहिद को दोषी बताते हुए दोनों को हटाते हुए कंपनी को लिख दिया, लेकिन जब वार्ड ब्वॉय फंसा तो उसने सनसनीखेज राज से पर्दा उठा दिया।
महिला सिपाही की शिकायत पर जांच हुई और आउटसोर्सिंग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को पकड़ा गया तो उसने अंदर रखे नकली जेवर की फोटो और वीडियो के साथ पूरा राज खोल दिया। उसने बताया कि इस खेल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही नहीं, अन्य कर्मी भी शामिल रहते थे और जेवर की मात्रा के अनुसार हिस्सा बांट होता था। हालांकि, इसमें चिकित्सक शामिल नहीं होते थे।
वैसे तो अधिकांश शवों के जेवर उनके घरवाले खुद ही निकाल लेते हैं, लेकिन हादसे आदि में हुई मौत में मृतकों के पास अंगूठी या चेन और महिलाओं में कान की बाली, नग, पायल आदि निकल आती है। उसे निकाल कर उसके स्थान पर नकली पहना दिए जाते और असली जेवर का हिस्सा बांट हो जाता था।

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